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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2023, Pm Vishwakarma Yojana 2023 |

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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2023, Pm Vishwakarma Yojana 2023 |
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Pm Vishwakarma Yojana In Hindi :- पीएम विश्वकर्मा योजना 2023 क्या है? PM Vishwakarma Yojana क्यों चलाई गई? PM Vishwakarma Yojana की रुपरेखा क्या है? योजना के लिए कौन कौन पात्र है? PM Vishwakarma Yojana के अंतर्गत कौन कौन से लाभ दिए जायेंगे? PM Vishwakarma Yojana के लिए आवश्यक दस्तावेज? Pm Vishwakarma Yojana के लिए आवेदन कैसे करे?

केंद्र सरकार की और से पारम्परिक कारीगरों और शिल्पकलाकारों को स्व रोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की हुई है | इस योजना के तहत लोगो को उच्च कौशल के लिए प्रशिक्षण दिलाया जायेगा और अपने कारोबार को आधुनिक रूप से बढ़ाने के लिए 3 लाख रुपये तक का ऋण भी उपलब्ध करवाया जायेगा | योजना के लिए कौशल रखने वाले हुनरमंदों को तकनिकी आधारित प्रशिक्षण दिया जायेगा | प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले हुनरमंदों को नियमानुसार ऋण उपलब्ध करवाया जायेगा ताकि वो अपने कारोबार को शुरू कर सके |

Pm Vishwakarma Yojana  2023
Pm Vishwakarma Yojana 2023

Pm Vishwakarma Yojana का परिचय :-

परंपरागत रूप से, अपने हाथों, औजारों और उपकरणों से कड़ी मेहनत करके कुछ न कुछ बनाने वाले करोड़ों ‘विश्वकर्मा’ इस देश के निर्माता हैं। हमारे पास कुम्हार, लोहार, सुनार, दर्जी, बढ़ई, मूर्तिकार, कारीगर, राजमिस्त्री आदि अनगिनत लोगों की एक विशाल जन संख्या है।

देश के इन सभी विश्वकर्माओं की कड़ी मेहनत को समर्थन देने के लिए देश में समय समय पर केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं लेकर आई जाती है। इन योजनाओं के अंतर्गत ऐसे लोगों के लिए प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी, ऋण और बाजार समर्थन आदि महत्वपूर्ण सुविधाओं के प्रावधान किये गये हैं। इन्ही योजनाओं मै से एक योजना पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान यानी पीएम विश्वकर्मा योजना करोड़ों विश्वकर्माओं के जीवन में एक प्रकार से आमूलचूल परिवर्तन लाने का प्रयास करेगी |

पीएम विश्वकर्मा योजना 2023 , एक केंद्र सरकार की योजना है , जिसे माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 17 सितंबर 2023 को, हाथों और उपकरणों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक एवं तकनिकी सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। Pm Vishwakarma Yojana के अंतर्गत 18 व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल किया गया है। जो निम्न प्रकार से है :-

कुम्हार, सुनार, लोहार, दर्जी, नाई, धोबी, कारपेंटर (बढ़ई), नाव बनाने वाला, कवच बनाने वाला, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाला, मूर्तिकार (मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाला, मोची (चर्मकार) / जूता कारीगर / फुटवियर कारीगर, राज मिस्त्री, टोकरी / चटाई / झाड़ू / कॉयर बुनकर, गुड़िया व खिलौने निर्माता (पारंपरिक), माला निर्माता (मालाकार), और मछली पकड़ने का जाल निर्माता आदि |

Pm Vishwakarma Yojana का उद्देश्य :-

माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा संचालित की गई Pm Vishwakarma Yojana 2023 के अंतर्गत पारम्परिक रुप से हाथों और उपकरणों द्वारा काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकलाकारों को आर्थिक एवं तकनिकी सहायता प्रदान की जाएगी | Pradhan Mantri Vishwakarma Yojana 2023 के उद्देश्य निम्मन प्रकार से है :-

  • पारम्परिक कार्यो से सम्बंधित कारीगरों और शिल्पकलाकारों को विश्वकर्मा के रूप में मान्यता देना, उन्हें विभिन्न योजनाओं के तहत सभी लाभों का लाभ उठाने के लिए पात्र बनाना।
  • कारीगरों और शिल्पकलाकारों के कौशल को निखारने के लिए कौशल उन्नति के साधन प्रदान करना तथा उनके लिए उपयुक्त प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध करना।
  • उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता, उत्पादकता एवं क्षमता को उच्च बनाने के लिए बेहतरीन और आधुनिक उपकरणों के लिए सहायता राशि प्रदान करना।
  • लाभार्थियों को सुलभ एवं कर मुक्त ऋण उपलब्ध करना और ब्याज दर में छूट प्रदान करके ऋण की लागत को कम करना।
  • विश्वकर्माओं को डिजिटल सशक्तिकरण के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए डिजिटल लेनदेन के प्रति प्रोत्साहन प्रदान करना।
  • विश्वकर्माओं को अपने व्यवसाय के विकास के लिए नए अवसरों तक पहुंचने में मदद करने के लिए ब्रांड प्रचार और बाजार लिंकेज के लिए एक आधुनिक एवं सुलभ मंच प्रदान करना ।
  • इस योजना के माध्यम से ऐसे लाभार्थियों को प्रदान की जाने वाली सहायता न केवल सांस्कृतिक प्रथाओं, पीढ़ीगत कौशल एवं गुरु-शिष्य परम्परा के संरक्षण में योगदान देगी बल्कि उन्हें समाज एवं राष्ट्र में एक उच्तम पहचान और मान्यता भी प्रदान करेगी

 

Pm Vishwakarma Yojana का दृष्टिकोण :-

  • इस योजना के तहत पारम्परिक कार्यो से सम्बंधित कारीगरों और शिल्पकलाकारों को उनसे संबंधित व्यवसायों को बढ़ाने के लिए शुरू से अंत तक सम्पूर्ण सहायता प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। योजना के संचालन के माध्यम से, यह उम्मीद जताई जा रही है कि लाभार्थी जो वर्तमान में असंगठित क्षेत्र में व्यवसायों के रूप में काम कर रहे है, वे अपने संचालन को बढ़ाने, अपने उपकरणों और व्यवसाय को आधुनिकीरण करने में सक्षम होंगे, और उद्यमी के रूप में राष्ट्र की औपचारिक अर्थव्यवस्था में भाग लेंगे और राष्ट्र निर्माण के एक बड़े लक्ष्य में आपने योगदान देंगे।
  • योजना को चरणबद्ध तरीके से देश के सम्पूर्ण जिलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से शुरू की जाएगी।
  • यह योजना देश की महिलाओं और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, विशेष रूप से सक्षम, ट्रांसजेंडर, एनईआर राज्य, द्वीप क्षेत्रों और पहाड़ी क्षेत्रों के निवासी जो ‘विश्वकर्मा’ समूह से सम्बंधित लोगों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देना चाहती है।
  • पीएम विश्वकर्मा योजना 2023 के क्रियान्वयन के दौरान लाभार्थियों को बीमा, पेंशन, और स्वास्थ्य जैसी विभिन्न योजनाओ का लाभ उठाने के लिए जागरूक किया जायेगा। भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाए जैसे :- प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, प्रधान मंत्री श्रम योगी मान – धन आदि योजनाओं के तहत सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा का लाभ प्राप्त करने के लिए योजनाओं के प्रति लाभार्थियों की जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जायेगा। भारत सरकार को उम्मीद है की पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कई लाभार्थी इस तरह का लाभ उठाएंगे।
  • योजना का संचालन अनेक स्तरों के माध्यम से होगा।

 

योजना के अंतर्गत आने वाले व्यापार :-

निम्नलिखित पारम्परिक व्यवसायों में लगे कारीगरों और शिल्पकलाकारों को Pm Vishwakarma Yojana के तहत कवर कर योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा :-

  • मिट्टी आधारित :- वह स्व-रोजगार कारीगर और शिल्पकार जो पारम्परिक तरीको का उपयोग करके मिट्टी को चाक पर ढालकर और भट्टी में पकाकर अपने हाथो और औजारों के द्वारा मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते हो। जैसे :- कुम्हार।
  • सोना / चाँदी आधारित :- वह स्व-रोजगार कारीगर और शिल्पकार जो अपने हाथो और औजारों के द्वारा कीमती धातुओं से सुन्दर आभूषण और सजावटी उत्पाद बनाते हो। जैसे :- सुनार (सोनार)।
  • लकड़ी आधारित :- वह स्व-रोजगार कारीगर और शिल्पकार जो अपने हाथो और औजारों के द्वारा लकड़ी के उत्पाद बनाते हो। जैसे :- कारपेंटर और नाव बनाने वाला।
  • लौह, धातु व पत्थर आधारित :- वह स्व-रोजगार कारीगर और शिल्पकार जो अपने हाथो और उपकरणों का प्रयोग करके लौह, धातु व पत्थर के उत्पाद बनाते हो। जैसे :- कवच बनाने वाला, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, मूर्तिकार (मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोड़ने वाला आदि ।
  • वास्तुकला आधारित :- वह राजमिस्त्री कारीगर जो ईंट/ब्लॉक, पलस्तर, सीमेंट, जल आदि का उपयोग करके संरचना का निर्माण करते हो। जैसे :- राजमिस्त्री (कारीगर)।
  • चमड़े पर आधारित :- वह स्व-रोजगार कारीगर और शिल्पकार जो अपने हाथो और औजारों के द्वारा चमड़े के सुन्दर उत्पाद बनाते हो। जैसे :- मोची (चर्मकार) / जूता कारीगर / फुटवियर कारीगर।
  • अन्य :- वह स्व-रोजगार कारीगर और शिल्पकार जो अपने हाथो और औजारों के द्वारा कुछ न कुछ उत्पाद बनाते या कार्य करते हो। जैसे :- दर्जी, नाई, धोबी, टोकरी / चटाई / झाड़ू / कॉयर बुनकर, गुड़िया व खिलौने निर्माता (पारंपरिक), माला निर्माता (मालाकार), और मछली पकड़ने का जाल निर्माता आदि।

 

 

योजना के तहत देय लाभ :-

Pm Vishwakarma Yojana एक व्यापक योजना है जिसमे निम्नलिखित चरणों के माध्यम से कारीगरों और शिल्पकारों को अंत तक सहायता प्रदान करने की परिकल्पना की है :-

  • पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड :-  कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत पंजीकृत कर प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड दिये जायेंगे जिनमे विश्वकर्मा यूनिक डिजिटल नंबर होगा। लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड डिजिटल के साथ साथ भौतिक रूप से भी प्रदान किये जायेंगे। प्रमाण पत्र आवेदक को विश्वकर्मा के रूप में मान्यता देगा और उसे विभिन्न प्रकार की योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र बनाएगा।
  • कौशल उन्नयन :- पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत आवेदकों को व्यवसायिक प्रशिक्षण ट्रेनिंग सेंटर्स के माध्यम से दी जायगी | उक्त प्रशिक्षण तीन चरणों के माध्यम से दिया जायेगा | 1. कौशल मूल्यांकन :- कौशल मूल्यांकन प्रक्रिया द्वारा विश्वकर्मा के मौजूदा कौशल, आधुनिक उपकरणों एवं तकनीकों से परिचित और ज्ञान के होने का मूल्यांकन किया जायेगा | 2. बेसिक ट्रेनिंग :- सभी पंजिकृत विश्वकर्माओ के कौशल में सुधर के लिए बेसिक ट्रेनिंग आवश्यक माना गया है, और ऋण की पहली किश्त प्राप्त करने के लिए यह एक पात्रता शर्त है | बेसिक ट्रेनिंग लगभग 5 से 7 दिनों की होगी | 3. एडवांस ट्रेनिंग :- बेसिक ट्रेनिंग के बाद आगे के कौशल उन्नयन में रुचि रखने वाले लाभार्थी 15 दिन की एडवांस ट्रेनिंग के लिए अपना नामांकन करवा सकते है | एडवांस ट्रेनिंग का उद्देश्य विश्वकर्माओं को उद्यमशीलता के ज्ञान को गहराई तक समझना है |

नोट :-  प्रशिक्षण के दौरान भोजन और आवास सुविधा निःशुल्क प्रदान की जाएगी और वेतन क्षतिपूर्ति के रूप में प्रति दिन 500 रुपये की सहायता राशि भी दी जाएगी | प्रशिक्षण चिन्हित कौशल केन्द्रो, आमतौर पर जिला मुख्यालय / पड़ोसी जिलों / औधोगिक क्लस्टर आदि में दीया जाएगा |

  • टूलकिट प्रोत्साहन :- बेसिक ट्रेनिंग की शुरुआत में कौशल मूल्यांकन के बाद लाभार्थियों को 15,000 रुपये तक का टूलकिट प्रोत्साहन प्रदान किया जायेगा | लाभार्थियों को उक्त प्रोत्साहन e-RUPI / e-vouchers के माध्यम से प्रदान किया जायेगा, जिसका उपयोग नामित केन्द्रो पर बेहतर टूलकिट खरीदने के लिए किया जा सकता है |
  • ऋण सहायता :- Pm Vishwakarma Yojana के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा 3 लाख रुपये तक का लोन 5% वार्षिक ब्याज दर पर लाभार्थियों को दो किश्तों में दिया जायेगा | योजना के पहले चरण में 1 लाख रुपये व दूसरे चरण में 2 लाख रुपये का लोन कोलेटर रहित प्रदान किया जायेगा | वित्त वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत 13,000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे |
  • डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन :- योजना का उद्देश्य लाभार्थियों को डिजिटल लें दें के प्रति सशक्त बनाना है | इस योजना के अंतर्गत प्रति डिजिटल ट्रांजैक्शन पर 1 रुपये एवं अधिकतम 100 रूपये महीने के दिए जायेंगे |
  • मार्केटिंग सपोर्ट :- विश्वकर्माओं को अपने व्यवसाय के विकास के लिए नए अवसरों तक पहुंचने में मदद करने के लिए ब्रांड प्रचार, मार्केटिंग और बाजार लिंकेज के लिए एक आधुनिक एवं सुलभ मंच प्रदान करना ।

 

Pm Vishwakarma Yojana के लिए पात्रता :-

  • ऐसे लोग जो स्व-रोजगार के आधार पर परंपरागत रूप से, अपने हाथों, औजारों और उपकरणों से काम करते है, वो इस योजना के लिए पात्र होंगे |
  • पंजीकरण की तिथि तक लाभार्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए |
  • वेदक द्वारा पिछले 5 साल के दौरान केंद्रीय और राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की तहत किसी भी प्रकार का लोन नहीं लिया हो | तथा जिन आवेदकों ने उक्त सम्पूर्ण ऋण चुका दिया है, तो वह पीएम विश्वकर्मा योजना 2023 के तहत लोन के लिए दावेदार होंगे |
  • योजना के तहत पंजीकरण और लाभ परिवार के एक सदस्य को ही दिया जायेगा |
  • केंद्र और राज्य की सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्य इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे |

 

योजना के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया :-

लाभार्थी पीएम विश्वकर्मा योजना 2023 का पंजीकरण अपने नजदीकी सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) पर जारकर करवा सकते है |

Pm Vishwakarma Yojana के लिए आवश्यक दस्तावेज :-

  • लाभार्थी का आधार कार्ड |
  • लाभार्थी का बैंक अकाउंट |
  • लाभार्थी का राशन कार्ड |
  • मूल निवास प्रमाण पत्र |
  • जाति प्रमाण पत्र |
  • पासपोर्ट साइज फोटो |
  • मोबाईल नंबर |
  • ईमेल आईडी |

FAQs :-

विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत कितने रुपये तक का लोन मिलता है?

योजना के अंतर्गत 3 लाख रु. तक का लोन दो चरणों में प्रदान किया जाता है, जिसकी ब्याज दरें 5% प्रति वर्ष हैं।

पीएम विश्वकर्मा योजना की शुरुआत कब हुई?

योजना की शुरुआत भगवान विश्वकर्मा जयंती के दिन 17 सितंबर 2023 को हुई थी |

विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत टूलकिट के लिए कितने रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है?

विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत टूलकिट खरीदने के लिए 15,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है |

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की official website कोनसी है |

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की official website https://pmvishwakarma.gov.in/ है |

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